FASCINATION ABOUT MAHAVIDYA BAGLAMUKHI

Fascination About mahavidya baglamukhi

Fascination About mahavidya baglamukhi

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Pandit Ji will connect with out your name and gotra over the puja sankalp, together with the names of other puja participants.

ज्वल ज्ज्योत्स्ना रत्नाकर मणि विषक्तांघ्रि भवनं स्मरामस्तेधाम स्मरहर हरींद्रेंदु प्रमुखैः । अहोरात्रं प्रातः प्रणय नवनीयं सुविशदं परं पीताकारं परचित मणिद्वीप वसनम् ।।

देव्यालये पठन् मर्त्यो बगळां ध्यायतीश्वरीं । पीतवस्त्रावृतो यस्तु तस्यनश्यंति शत्रवः ।।

नमामस्ते मातः कनक कमनीयांघ्रि जलजं वलद् विद्युद् वर्णां घनतिमिर विध्वंस करणं । भवाध्भौ मग्नानां तरणकरणं सर्वशरणं प्रपन्नानां मातर् जगति बगळे दुःख दमनम् ।।

Simply because, Bagalamukhi is probably the 10 Mahavidyas. Should you be in search of to understand and exercise this vidya, it is suggested to locate a Siddhaguru who can provide you with vital steering in order that your Discovering and exercise is genuine and relevant. That's why, chant:

Bagalamukhi is strongly related to the yellow colour. She attire in yellow outfits and ornaments. Various texts explain her affinity on the colour; yellow is surely an integral part of her worship rituals. Bagalamukhi is propitiated with yellow choices by devotees dressed in yellow, seated on a yellow cloth.

बगलामुखी महाविद्या: बगलामुखी महाविद्या दस महाविद्याओं में आठवें स्थान पर विद्यमान है जो सर्व प्रकार स्तंभन युक्त शक्ति पीताम्बरा के नाम से प्रसिद्ध है। बगलामुखी शब्द दो शब्दों से बना है पहला ‘बगला‘ तथा दूसरा ‘मुखी‘। बगला से अर्थ हैं ‘विरूपण का कारण’ (वगुला एक पक्षी हैं, जिसकी क्षमता एक जगह पर अचल खड़े हो शिकार करना है) तथा मुखी से तात्पर्य मुख से है जिसका अर्थ है, मुख को विपरीत दिशा में मोड़ना। जिसको बगलामुखी कहा जाता है।

देवी बगलामुखी स्तम्भन की पूर्ण शक्ति हैं, तीनों लोकों में प्रत्येक घोर विपत्ति से लेकर सामान्य मनुष्य तक किसी भी प्रकार की विपत्ति स्तम्भन करने में समर्थ है, जैसे किसी स्थाई अस्वस्थता, निर्धनता click here समस्या देवी कृपा से ही स्तंभित होती हैं, जिसके परिणामस्वरूप जातक स्वस्थ, धन सम्पन्नता इत्यादि प्राप्त करता हैं। देवी अपने भक्तों के शत्रुओं के पथ तथा बुद्धि भ्रष्ट कर उन्हें हर प्रकार से स्तंभित कर रक्षा करती हैं। शत्रु अपने कार्य में कभी सफल नहीं हो पाता, शत्रु का पूर्ण रूप से विनाश होता ही हैं।

तव चरण सरोजं सर्वदा सेव्यमानं द्रुहिण हरि हराद्यैः देवबृंदैः शरण्यं । मृदुमपि शरणं ते शर्मदं सूरिसेव्यं वयमिह करवामो मातरेतद् विधेयम् ।।

The guests and family members receive prasad. Over the day of Baglamukhi Jayanti, devotees also carry out quite a few charitable deeds to acquire the deity’s heavenly graces.

सुपीताभयामालाया पूतमन्त्रं पठंते जपंतो जयं संलभंते । रणे राग रोषा प्लुतानां रिपूणां विवादे बलाद् वैरकृद्धाम मातः ।।

Ans. Perfectly, the energies connected with the Baglamukhi method of the Goddess Supreme are extremely powerful and require a right cosmic channel to flow without difficulty.

ॐ ह्लीं क्लीं ऐं बगलमुख्यै गदाधरिन्यै प्रेतासनाध्यसिन्यै स्वाहा

ॐ ह्लीं ॐ ह्लीं ॐ ह्लीं श्री बगलामुखी महादेव्यै ॐ ह्र्लीं ॐ ह्र्लीं ॐ ह्र्लीं स्वाहा ॐ ह्लीं श्रीबगलामुखी मम सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ॐ ह्लीं पीतांबरायै ह्लीं ह्लीं ब्रह्मास्त्रस्वरूपिण्यै क्लीं ह्लीं शत्रुविनशिन्यै ऐं ह्लीं वेदेश्वर्यै ठं ह्लीं स्तंभनशक्ति देवतायै ह्र्लीं ह्लीं आदिलक्ष्म्यै ह्लीं ह्लीं श्री बगलामुखी महादेव्यै ह्र्लीं ह्र्लीं फट् स्वाहा

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